एकलव्य ( महाभारत अभिमन्यू से एकलव्य तक) अध्याय 4
दुनियाँ में बहुत बड़ी विपदा आने वाली थी जो कि असुरश्रेष्ठ शुक्राचार्य के द्वारा होने वाला था , शुक्राचार्य भारत पे ही नहीं पूरे ब्रह्मांड पे अपनी थाक जमानें की फिराक में था शुक्राचार्य सारे असूरों के गुरु थे जिनका मकसद साफ था पूरे ब्रह्मांड में असुरों की ताकत दिखा ना इंसानों को गुलाम बनाना और अच्छाई को पूर्ण रूप से खत्म करना। मगर भोलेनाथ भी पीछे कहाँ हटने वालों में से थे , उन्होंने इन बुराइयों से युद्ध करने के लिए तो अपनी लीला पहले से ...