एकलव्य (आभासी प्यार) अध्याय 2
बारह बजे के बाद से समीर की मम्मी परेशान होने लगती है , की समीर अभी तक घर पे नही आया , वो मेघा को फोन लगाती है मगर कोई जवाब नही मिलता। एक बजे रात को अमीनाबाद थाने से एक फोन आता है । थाना इंचार्ज - हेलो मैडम आप सुरुची शेखावत जी बात कर रहे है क्या ? सुरुची - जी मैं सुरुची शेखावत बात कर रही हूँ, अलीगंज से । थाना इंचार्ज - मै अमीनाबाद थाने से विक्रम यादव बात कर रहा हूँ, आपका बेटा ड्रग्स लेते हुए और मार-पीट करते हुए पकड़ा गया है, आप उनसे कल मिलने आजाइए। और फोन काट देते है , समीर की मम्मी काफी परेशान हो जाती है। और वो अभय को फोन करती है। सुरुची- हेलो अभय! अभय वो समीर को, समीर को ड्रग्स के आरोप में पोलिस ने पकड़ लिया है। अभय- आराम से, आराम से बोलो क्या हुआ पूरी बात बताओ। सुरुची पूरी बात बता देती है , अभय बोलते है। अभय- देखो तुम चिंता मत करो मैं कुछ करता हूँ। वो DGP दफ्तर में अपने दोस्त कल्याण सिंह को फोन करते है कल्याण सिंह...